Indian River Valley Project(नदी घाटी परियोजनाएं)

Indian River Valley Project(नदी घाटी परियोजनाएं)  – हेलो दोस्तों, आज हम इस आर्टिकल में आप सब के लिए Indian River Valley Project(नदी घाटी परियोजनाएं) In Hindi  ले के आये है | इस आर्टिकल में हम आपको भारत की विभिन्न नदियों पर स्थित बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के बारे में जानकारी देंगे जिससे कई सारी प्रतियोगी परीक्षा (Competitive Exams) में प्रश्न पूछे जाते है |

यहां हम आपको ऐसा तरीका बताऐंगे जिससे कि आप इन नदी घाटी परियोजनाओं को आसानी से याद रख पाऐंगे, कि कौन सी परियोजना किस नदी पर स्थित है | जो भी विद्यार्थी Competitive Exams की तैयारी  कर रहे है जैसे IAS, PCS, UPPCS, MPPCS, BPCS, SSC, Railway, Defence, एवं अन्य Competitive Exams में प्रश्न अवस्य पूछे जाते है| जिसे आप निचे दिए गए लिंक से Free में Download कर सकते है|

Indian River Valley Project (नदी घाटी परियोजनाएं)

Indian River Valley Project(नदी घाटी परियोजना) से तात्पर्य है कि नदियों पर बड़े-बड़े बांध बनाकर उनसे सिंचाई, ऊर्जा उत्पादन,बाढ नियंत्रण, पर्यावरण की रक्षा एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में उपयोग में लाया जाता है यह नदी घाटी परियोजनाएं होती हैं| नदी घाटी परियोजनाओं की सहायता से ऊर्जा उत्पादन, सिंचाई,बाढ नियंत्रण, पर्यावरण की रक्षा आदि कार्य किए जाते जाते हैं |

भारत में सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना भाखड़ा नांगल परियोजना है, यह परियोजना पंजाब में सतलुज नदी पर स्थित है तथा सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना है| यह राजस्थान, पंजाब और हरियाणा तीनों की संयुक्त परियोजना है।

Indian All River Valley Project(नदी घाटी परियोजनाएं)

1. भाखड़ा नांगल परियोजना :- यह परियोजना पंजाब के सतलज नदी पर स्थित भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। यह राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त परियोजना है। इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2 प्रतिशत है। इसकी कुल लम्बाई 649 किमी है जिसमे से 169 किमी पंजाब तथा 14 किमी हरियाणा मे तथा शेष राजस्थान मे है |

यह बांध दो बांधों भाखड़ा और नांगल बांधों से मिलकर बना है। भाखड़ा बांध नांगल बांध से 13 किमी दूर बना है। 17 नवम्बर 1955 को तात्कालिक प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में कंक्रीट के द्वारा बांध का निर्माण कार्य चालू हुआ। भाखड़ा नांगल बाँध भूकंपीय क्षेत्र में स्थित विश्व का सबसे ऊँचा गुरुत्वीय बाँध है। यह बाँध 261 मीटर ऊँचे टिहरी बाँध के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊँचा बाँध है। इसकी उँचाई 255.55 मीटर (740 फीट) है।

2. गण्डक परियोजना :- यह परियोजना बिहार और उत्तर प्रदेश की संयुक्त नदी घाटी परियोजना है। गण्डकी नदी, नेपाल और बिहार में बहने वाली एक नदी है जिसे बड़ी गंडक या केवल गंडक भी कहा जाता है। इस नदी को नेपाल में सालिग्रामि या सालग्रामी और मैदानों मे नारायणी और सप्तगण्डकी कहते हैं।इस परियोजना के अन्तर्गत गंडक नदी पर त्रिबेनी नहर हेड रेगुलेटर के नीचे बिहार के बाल्मीकि नगर मे बैराज बनाया गया।

इसी बैराज से चार नहरें निकलतीं हैं, जिसमें से दो नहरें भारत मे और दो नहर नेपाल में हैं। वाल्मीकि नगर का बैराज 1969 –70 में बना। इसकी लम्बाई 747.37 मीटर और ऊँचाई 9.81 है। इस बैराज का आधा भाग नेपाल में है। 256.68 किमी पूर्वी नहर से बिहार के चम्पारन, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिलों के 6.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई होती है। 

3. रामगंगा बहूद्देशीय परियोजना :- रामगंगा बहूद्देशीय नदी परियोजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य के पौड़ी गढ़वाल जनपद में रामगंगा नदी पर 560 मीटर लम्बाई एवं 125 मीटर ऊँचाई वाला कालागढ़ बाँध एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा सीमेन्ट रहित मिट्टी तथा पत्थर से निर्मित बाँध है। इसका बाँध निर्माण चतुर्थ पंचवर्षीय योजना के अन्तिम चरण में पूर्ण हुआ।

इस परियोजना से लगभग 17 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई तथा 8,72 लाख एकड़ भूमि की बाढ़ से रक्षा सुनिश्चित की गई है।बाँध से 66 – 66 मेगावाट के तीन जलविद्युत संयन्त्र कार्यरत हैं, जिनसे 198 मेगावाट विद्युत उत्पादन होता है । बाँध की मुख्य नहर को उत्तर प्रदेश के गढ़मुक्तेश्वर नामक स्थान पर गंगा में मिला दिया गया है। बाँध के निकट ही उद्यान विकसित किया गया है जो मैसूर में कावेरी नदी पर निर्मित वृन्दावन गार्डन के अनुरूप है।

4. रिहन्द परियोजना :-  इसकी आधारशिला 13 जुलाई 1954 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने रखी और 9 वर्ष बाद 6 जनवरी 1963 को इसका उद्घाटन किया, इसका नाम उ. प्र. के पहले मुख्यमंत्री के नाम पं. गोविंद वल्लभ पंत के नाम पर रखा। इस योजना के अन्तर्गत 30 लाख किलोवाट विद्युत उत्पन करने की क्षमता है।रिहन्द बाँध उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले के पिपरी में स्थित है और गोविंद वल्लभ पंत सागर पिपरी के पहाड़ों के बीच रिहन्द नदी को बाँधने से बना जलाशय है।

यह 30 किमी लम्बा व 15 किमी चौड़ा जलाशय भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। रिहन्द नदी सोन नदी की एक प्रमुख उपनदी है। रिहन्द बाँध और उस से सम्बन्धित गोविंद वल्लभ पंत सागर (Govind Ballabh Pant Sagar) नामक जलाशय बने, भारत के उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों की सीमा पर रिहन्द नदी (रेणुका नदी) पर स्थित एक नदी घाटी परियोजना है।

5. व्यास परियोजना:- यह परियोजना 3 राज्यों की संयुक्त की परियोजना है, राजस्थान , हरियाणा और पंजाब | परियोजना का प्रारम्भ 1961 मे हुआ और 1971 मे अंत हुआ। परियोजना मैं दो बांधों का निर्माण किया गया है।

पोंग बांध (विद्युत उत्पादन क्षमता – 396 MW) – हिमाचल प्रदेश(कांगड़ा जिला)

हर बांध (विद्युत उत्पादन क्षमता – 990 MW) – हिमाचल प्रदेश (मण्डी जिला)

6. सलाल परियोजना :- सलाल परियोजना भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में चिनाब नदी पर स्थापित एक जलविद्युत परियोजना है। 1970 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था।

7. हिडकल परियोजना :- हिडकल परियोजना घाटप्रभा नदी पर है जो की कर्नाटक में स्थित है ।

8. हीराकुण्ड परियोजना :- 1957 में महानदी पर निर्मित यह बाँध संसार का सबसे बड़ा एवं लंबा बांध है। इसकी कुल लम्बाई 25.8 किमी० है। इस बाँध के पीछे विशाल जलाशय है जो एशिया का सबसे बड़ा कृत्रिम झील है। हीराकुंड परियोजना पर हीराकुंड के अलावा दो और बांध उपस्थिति हैं – टिक्करपाड़ा बांध तथा नाराज बांध |

हीराकुण्ड की झील एशिया की सबसे बड़ी मानवनिर्मित झील है। इस बांध की लंबाई 4801 मीटर है जिसमे 810 करोड़ घन मीटर जल संचित होता है। इसका उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण एवं विद्युत उत्पादन करना है।

9. घाटप्रभा परियोजना :- कर्नाटक के बेलग्राम और बीजापुर जिले में घटप्रभा नदी पर बांध का निर्माण कर बहुत बड़े क्षेत्र को सिंचित करने की योजना है।

10. चम्बल परियोजना :- चम्बल परियोजना के अंतर्गत चंबल नदी पर तीन बांध – गांधी सागर (मंदसौर)मध्यप्रदेश , राणा प्रताप सागर (रावतभाटा)चित्तौड़ , जवाहर सागर बांध (बूंदी),कोटा बेराज (कोटा) बनाए गए हैैं। इसकी सिंचाई क्षमता 5 लाख हेक्टेयर है। जल विधुत 386 मेगावाट है।

यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना है।यह परियोजना मध्य प्रदेश व राजस्थान की सरकार का सयुंक्त उपक्रम है। चम्बल परियोजना के प्रथम चरण में ‘गाँधी सागर बाँध’ एवं कोटा बेराज, द्वितीय चरण में ‘राणा प्रताप सागर बाँध’ और तीसरे चरण में ‘जवाहर सागर बाँध’ बनाए गये थे।

11. जाखम परियोजना :- यह परियोजना चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ मार्ग पर अनुपपुरा गांव में बनी हुई है। यह राजस्थान का सबसे ऊंचाई पर स्थित बांध है। जो 1962 में प्रारम्भ की गई थी। यह परियोजना 1997-1998 में पूर्ण हुई। इस परियोजना से प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा के आदिवासी कृषक लाभान्वित होते हैं।

12. जायकवाड़ी परियोजना :- जायकवाड़ी परियोजना का निर्माण गोदावरी नदी पर किया गया है।

13. माही परियोजना :- इस परियोजना का निर्माण सन 1972 में हुआ था। यह राजस्थान के बाँसवाड़ा ज़िले में राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। यहाँ पर 25 मेगावाट की दो विद्युत इकाइयाँ लगाई गयी हैं। माही परियोजना या माही बजाज सागर परियोजना’ भारत की अंतर-राज्यीय परियोजना है। गुजरात और राजस्थान की सीमा पर, माही की सहायक नदी अनारा पर बजाज सागर या कडाना बाँध बनाया गया है। यहाँ पर 45 मेगावाट की दो विद्युत इकाइयाँ लगाई गयी हैं।इन परियोजनाओं से राजस्थान के बाँसवाड़ा, डूंगरपुर और मध्य प्रदेश के ज़िलों की सिंचाई होती है |

14. टिहरी बांध परियोजना :- टिहरी बाँध उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी जिले में स्थित है। यह टेहरी विकास परियोजना का एक प्राथमिक बाँध है | यह बाँध हिमालय की दो महत्वपूर्ण नदियों पर बना है जिनमें से एक गंगा नदी की प्रमुख सहयोगी नदी भागीरथी तथा दूसरी भीलांगना नदी है, जिनके संगम पर इसे बनाया गया है। टिहरी बाँध की ऊँचाई 261 मीटर है जो इसे विश्व का पाँचवा सबसे ऊँचा बाँध बनाती है। टिहरी बाँध भारत का सबसे ऊँचा तथा विशालकाय बाँध है। यह भागीरथी नदी पर 260.5 मीटर की उँचाई पर बना है। टिहरी बांध दुनिया का आठवाँ सबसे बड़ा बाँध है, जिसका उपयोग सिंचाई तथा बिजली पैदा करने हेतु किया जाता है।

15. तवा परियोजना :- इस परियोजना के अन्तर्गत नर्मदा की सहायक तवा नदी पर बांध बनाया गया है जो मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित है। यह बांध 58 मीटर ऊँचा एवं 1815 मीटर लम्बा है । तवा बांध मध्य प्रदेश से की होशंगाबाद जिले में नर्मदा नदी की सहायक नदी तवा नदी पर 1958 में बनना शुरू हुआ तथा 1978 में बनकर तैयार हुआ।

16. तुंगभद्रा परियोजना :- यह कर्नाटक व आन्ध्रप्रदेश राज्य का संयक्त परियोजना है। यह बाँध तुंगभद्रा नदी पर (यह कृष्णा नदी की सहायक नदी है) मल्लम पुरम के निकट बनाया गया।

17. दामोदर घाटी परियोजना :- दामोदर घाटी परियोजना स्वतंत्र भारत की पहली बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। इस परियोजना को दामोदर घाटी निगम द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसे दामोदर नदी पर लॉन्च किया गया था। दामोदर घाटी परियोजना लगभग 24,235 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करती है और दो राज्यों को लाभ देती है जो बिहार और पश्चिम बंगाल हैं।

18. थीन डैम परियोजना :- थीन बाँध का निर्माण सन 1982 में शुरू हुआ था तथा यह 1999 में बनकर पूरा हुआ था। थीन बाँध परियोजना भारत की नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है। पंजाब के पठानकोट ज़िले में रावी नदी पर थीन बाँध बनाया गया है। इसको ‘रणजीत सागर बाँध’ के नाम से भी जाना जाता है।

19. नागार्जुन सागर परियोजना :- यह भारत के तेलंगाना राज्य में स्थित एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं। नागार्जुन बाँध हैदराबाद से 150 किमी दूर, कृष्णा नदी पर स्थित है। इसका निर्माण 1966 में पूरा हुआ था। 10 दिसम्बर 1955 में इस बाँध की नींव तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी।

20. दुर्गापुर परियोजना :- दुर्गापुर थर्मल पावर स्टेशन पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर शहर से 5 किमी दूर, वारिया रेलवे स्टेशन के पास स्थित है । बिजली संयंत्र डीवीसी के कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में से एक है ।

21. नर्मदा घाटी परियोजना :- नर्मदा घाटी परियोजना, नर्मदा नदी पर गुजरात, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र की एक संयुक्त परियोजना है। इसमें नर्मदा एवं सहायक नदियों पर 30 बड़े बांध, 135 मध्यम बांध तथा 3,000 छोटे बांधों का निर्माण किया जाना है। यह विश्व की घाटी परियोजनाओं में सबसे विशाल है।

22. मयूराक्षी परियोजना :- यह मयूराक्षी नदी पर बनी है, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल का संयुक्त परियोजना है |

23. इडुक्की परियोजना :- इडुक्की परियोजना केरल के पेरियार नदी पर बनी है |

24. उकाई परियोजना :- इस परियोजना के अंतर्गत उकाई बाँध ताप्ती नदी पर गुजरात राज्य के सूरत ज़िले में बनाया गया है।

25. ऊपरी क्रष्णा परियोजना :- इस परियोजना के अंतर्गत कर्नाटक राज्य में कृष्णा नदी पर नारायणपुर बांध एवं आलमती बाँध बनाए गए हैं। इस परियोजना से लाभान्वित होने वाले राज्यों में कर्नाटक (Karnataka) अपना स्थान रखता है।

26. कांगसावती परियोजना :- कांगसावती परियोजना कांगसावती नदी पर बना हुआ है यह सिंचाई एवं जल विद्युत शक्ति प्रदान करने के लिए बनाया गया है कांगसावती पश्चिम बंगाल में है | 

27. काकरापारा परियोजना :- यह परियोजना ताप्ती नदी पर गुजरात राज्य में सूरत से 80 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है।

28. कुण्डा परियोजना :- कुंडा नदी पर यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं।

29. कोयना परियोजना :- यह महाराष्ट्र के सतारा ज़िले में देशमुखबाड़ी के निकट पोफली में स्थित है। यह परियोजना कोयना नामक नदी पर स्थापित जलविद्युत परियोजना है। कोयना परियोजना का आरंभ 1962-1963 में किया गया था।

30. कोलडैम परियोजना :- कोलडैम परियोजना हिमाचल प्रदेश में मंडी और बिलासपुर ज़िले की सीमा पर ‘बरनामा’ नामक स्थान पर बनाई जा रही है।vइस परियोजना की शुरुआत सन 2004 में हुई थी।इसे ‘कॉल बाँध’ के नाम से भी जाना जाता है।

31. कोसी परियोजना :- यह बाँध भारत-नेपाल सीमा के पास नेपाल में स्थित है।

32. नागपुर शक्ति गृह परियोजना :- नागपुर शक्ति गृह परियोजना कोराडी नदी पर स्थित है। इससे लाभान्वित होने वाले राज्यों में महाराष्ट्र (Maharashtra) अपना स्थान रखता है।

33. अन्य :- मालप्रभा परियोजना, नाथपा-झाकरी परियोजना, पराम्बिकुलम-अलियार परियोजना, पूचमपाद परियोजना, फरक्का परियोजना, भीमा परियोजना, महानदी डेल्टा परियोजना, माताटीला बहूद्देशीय परियोजना थानम परियोजना|

इसके अलावा इस पोस्ट में नीचे हम आपको Indian River Valley Project बिषय से संबंधित Books को खरीदने की Link भी उपलब्ध कराऐंगे | जिससे आप उन Books को Amazon से Purchage कर पाऐंगे |

Rivers of IndiaClick Here

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top